भारत में इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। एक बड़ी बीमारी या अचानक होने वाली सर्जरी अक्सर पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति हिला देती है। इसी समस्या का हल देने के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की। यह योजना गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को सालाना पाँच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराती है। सवाल यह है कि इस योजना का लाभ किसे मिलता है और मुफ़्त इलाज की प्रक्रिया कैसे होती है? आइए विस्तार से समझते हैं।
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योजना की शुरुआत क्यों हुई?
भारत में एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य बीमा से कवर नहीं होती। निजी अस्पतालों का इलाज महँगा है और सरकारी अस्पतालों में अक्सर लंबा इंतज़ार करना पड़ता है। ऐसे में गरीब और कमजोर तबके के लोगों को इलाज से वंचित रहना पड़ता था।
इसी समस्या को देखते हुए 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) यानी आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। इसका उद्देश्य था – हर परिवार को आर्थिक चिंता के बिना गुणवत्तापूर्ण इलाज दिलाना।
योजना में क्या मिलता है?
- हर पात्र परिवार को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवरेज मिलता है।
- इलाज पूरी तरह कैशलेस होता है, यानी मरीज या उसके परिवार को अस्पताल में पैसा नहीं देना पड़ता।
- यह सुविधा पूरे परिवार पर लागू होती है, केवल एक सदस्य पर नहीं।
- हर साल यह लिमिट रीसेट हो जाती है।
सरकार के मुताबिक, इस योजना के तहत 1,500 से ज्यादा बीमारियों और ऑपरेशनों को शामिल किया गया है। इनमें हृदय रोग, किडनी फेल्योर, कैंसर, घुटने की सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और प्रसूति सेवाएँ प्रमुख हैं।

किन्हें मिलेगा लाभ?
आयुष्मान भारत योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को दिया जाता है। पात्रता तय करने के लिए SECC 2011 (Socio-Economic Caste Census) के आंकड़े इस्तेमाल किए जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवार, कच्चे घर में रहने वाले, दिहाड़ी मज़दूर, अनुसूचित जाति व जनजाति परिवार प्रमुख लाभार्थी हैं। शहरी क्षेत्रों में सफाईकर्मी, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक और अन्य श्रमिक वर्ग इस योजना के दायरे में आते हैं।
कैसे पता करें कि आप पात्र हैं या नहीं?
- pmjay.gov.in वेबसाइट पर जाएँ।
- “Am I Eligible” सेक्शन पर क्लिक करें।
- अपना मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी से लॉगिन करें।
- राज्य और परिवार का विवरण डालकर देखें कि आपका नाम सूची में है या नहीं।
आयुष्मान कार्ड कैसे बनवाएँ?
योजना का लाभ उठाने के लिए Ayushman Bharat Card बनवाना ज़रूरी है। यह कार्ड अस्पताल में आपका पहचान पत्र होगा।
- नज़दीकी CSC (Common Service Centre) या सूचीबद्ध अस्पताल जाएँ।
- अपना आधार कार्ड और राशन कार्ड साथ ले जाएँ।
- सत्यापन के बाद आपका e-card जारी हो जाएगा।
यह कार्ड आप अपने मोबाइल में डिजिटल रूप से भी रख सकते हैं।
इलाज कहाँ मिलेगा?
योजना का लाभ केवल उन्हीं अस्पतालों में मिलेगा जिन्हें सरकार ने empaneled किया है।
- इसमें सरकारी और चुनिंदा निजी अस्पताल दोनों शामिल हैं।
- hospitals.pmjay.gov.in पर जाकर आप अपने ज़िले के अस्पतालों की लिस्ट देख सकते हैं।
- हर अस्पताल में Ayushman Mitra Desk होता है, जहाँ से पूरी जानकारी और सहायता मिलती है।
प्रक्रिया कैसी होती है?
मान लीजिए आपके परिवार के किसी सदस्य को इलाज की ज़रूरत है।
- अस्पताल पहुँचने पर Ayushman Card दिखाएँ।
- अस्पताल का Ayushman Mitra आपका विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर डालेगा।
- बीमा कंपनी से मंजूरी मिलते ही इलाज शुरू हो जाएगा।
- पूरा खर्च सरकार वहन करेगी, आपको कोई पैसा नहीं देना होगा।
अब तक का असर
सरकार के आँकड़ों के अनुसार, योजना की शुरुआत से अब तक करोड़ों लोगों को मुफ़्त इलाज मिला है। बड़ी संख्या में कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज इस योजना से संभव हुआ है।
हालाँकि, अभी भी कई ग्रामीण इलाकों में लोगों को जानकारी की कमी है और वे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे। सरकार लगातार जागरूकता अभियान चला रही है ताकि ज़रूरतमंद परिवारों तक यह सुविधा पहुँच सके।
किन चुनौतियों का सामना है?
- कई निजी अस्पताल गरीब मरीजों को प्राथमिकता नहीं देते।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सूचीबद्ध अस्पताल कम हैं।
- कई बार मरीजों को यह जानकारी नहीं होती कि कार्ड कहाँ से बनवाएँ या इलाज कैसे शुरू करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अस्पताल नेटवर्क और मजबूत किया जाए और जागरूकता बढ़ाई जाए तो यह योजना और भी प्रभावी साबित होगी।
निष्कर्ष
आयुष्मान भारत योजना गरीब और कमजोर तबके के लिए एक बड़ी राहत है। जहाँ पहले एक बड़ी बीमारी पूरे परिवार को कर्ज में धकेल देती थी, वहीं अब सालाना पाँच लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज संभव है।
अगर आपका नाम पात्रता सूची में है तो तुरंत अपना Ayushman Card बनवाएँ और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें। आखिरकार, स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूँजी है।